ई-कॉमर्स प्लेटफार्म Amazon अपने ड्राइवरों के लिए स्मार्ट ग्लासेस (Smart Glasses) बनाने पर काम कर रहा है, जो ड्राइवरों को तेज़ और आसान डिलीवरी में मदद करेगा। Amazon का उद्देश्य “लास्ट माइल” डिलीवरी को अधिक प्रभावी बनाना है, जो महंगी और जटिल होती है क्योंकि इसमें घरों तक पैकेज पहुँचाना शामिल होता है। “लास्ट माइल” में ही प्रोडक्ट की डिलीवरी लागत का लगभग आधा हिस्सा खर्च हो जाता है। Amazon की शिपिंग लागत तीसरी तिमाही में 8% बढ़कर $23.5 बिलियन हो गई, इसलिए ये स्मार्ट ग्लासेस कंपनी को इस लागत को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कैसे करेंगे Amazon के स्मार्ट ग्लासेस ड्राइवरों की मदद?
Reuters की एक रिपोर्ट के अनुसार, Amazon के स्मार्ट ग्लासेस में हेड्स-अप डिस्प्ले होगा, जो ड्राइवरों को बिल्डिंग्स और आसपास के इलाकों में नेविगेट करने में मदद करेगा। ये स्मार्ट ग्लासेस ड्राइवरों को टर्न-बाय-टर्न दिशा-निर्देश देंगे, जिससे वे बिना अपने स्मार्टफोन को बार-बार चेक किए हुए सही लोकेशन तक पहुँच सकेंगे। ये ग्लासेस रास्तों और बिल्डिंग्स के अंदर का रास्ता दिखाएंगे, जिससे हर डिलीवरी में समय की बचत होगी। Amazon के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि वे ड्राइवरों के लिए एक सुरक्षित और बेहतर डिलीवरी अनुभव देने के लिए लगातार नवाचार कर रहे हैं, लेकिन वे अपने प्रोडक्ट रोडमैप पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
स्मार्ट ग्लासेस से होगी हर डिलीवरी में सेकंड्स की बचत
Amazon के स्मार्ट ग्लासेस ड्राइवरों को लिफ्ट्स, गेट्स और अन्य बाधाओं से बचते हुए लेफ्ट या राइट के निर्देश देंगे। यह तकनीक हर डिलीवरी में कुछ सेकंड्स बचा सकती है, और जब Amazon के ड्राइवर दिन में लाखों डिलीवरी करते हैं, तो ये सेकंड्स बड़ा फर्क ला सकते हैं। इसके साथ, ग्लासेस उन्हें हाथ में GPS डिवाइस रखने की ज़रूरत से मुक्त करेंगे, जिससे वे अधिक पैकेज भी कैरी कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्रति पैकेज डिलीवरी लागत को कम करना है।
हालांकि, अगर ये स्मार्ट ग्लासेस उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते, तो Amazon इन्हें स्थगित या रद्द भी कर सकता है। इन्हें पूरी तरह से विकसित करने में कई साल लग सकते हैं, और लाखों ड्राइवरों को इन्हें अपनाने के लिए राज़ी करना एक बड़ी चुनौती हो सकती है। लेकिन अगर ये ग्लासेस प्रभावी साबित होते हैं, तो ड्राइवरों के लिए इन्हें इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।
Source: Reuters